
Gratuity News: क्या आप भी सरकारी नौकरी करते हैं? अगर हां, तो ये खबर आपके लिए किसी जैकपॉट से कम नहीं है! सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की रकम में भारी बढ़ोतरी कर दी है. अब आपको रिटायरमेंट पर 25 लाख रुपये तक मिल सकते हैं! चौंक गए ना? चलिए, इस खुशखबरी की पूरी डिटेल जानते हैं, ताकि आपको भी पता चले कि ये ₹25 लाख वाली ग्रेच्युटी आपको कैसे मिलेगी और इसके लिए क्या करना होगा।
ग्रेच्युटी क्या होती है, भाई?
सबसे पहले ये समझ लेते हैं कि ये ग्रेच्युटी (Gratuity) बला क्या है? सिंपल भाषा में कहें तो, ये कंपनी की तरफ से आपको नौकरी छोड़ने या रिटायर होने पर मिलने वाला एक मोटा अमाउंट है. ये आपकी सालों की मेहनत का इनाम समझ लीजिए. जितने साल आपने कंपनी में काम किया और जितनी आपकी आखिरी सैलरी थी, उसी हिसाब से ये रकम तय होती है।
और सुनो, खुशखबरी ये है कि सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की लिमिट बढ़ा दी है! पहले ये लिमिट 20 लाख रुपये थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है. ये नया नियम 1 जनवरी 2024 से लागू हो गया है. और ये सब हुआ है महंगाई भत्ते (DA) के 50% तक बढ़ने की वजह से.
सरकार की तरफ से ये ऐलान 30 मई 2024 को किया गया था. पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने एक सर्कुलर जारी करके ये जानकारी दी थी.
ये ग्रेच्युटी का कानून क्या कहता है?
ये ग्रेच्युटी एक्ट (Gratuity Act) कारखानों, खदानों, तेल के कुओं, बगीचों, बंदरगाहों, रेलवे, ट्रांसपोर्ट कंपनियों और 10 से ज्यादा कर्मचारियों वाली दुकानों पर लागू होता है. कानून कहता है कि अगर आप कहीं नौकरी करते हैं, तो आपको हर साल की नौकरी के बदले 15 दिन की सैलरी के बराबर ग्रेच्युटी मिलनी चाहिए. प्राइवेट नौकरी वालों के लिए इसकी लिमिट अभी 10 लाख रुपये है. लेकिन जो मौसमी काम करने वाली जगहें हैं, जैसे चीनी मिलें, वहां हर सीजन के हिसाब से 7 दिन की मजदूरी के हिसाब से ग्रेच्युटी कैलकुलेट होती है.
पिछले साल जो ग्रेच्युटी लिमिट 20 लाख से 25 लाख हुई है, वो महंगाई भत्ते के 50% तक पहुंचने के बाद ही हुई है. मतलब महंगाई भत्ता आपकी बेसिक सैलरी का 50% हो गया, तो ग्रेच्युटी भी बढ़ गई!
ग्रेच्युटी एक्ट ये भी कहता है कि अगर आपके एग्रीमेंट या कॉन्ट्रैक्ट में ग्रेच्युटी के और भी अच्छे नियम हैं, तो वो भी माने जाएंगे. और जो कंपनियां केंद्र सरकार के अंडर आती हैं या एक से ज्यादा राज्यों में काम करती हैं, उनके लिए तो केंद्र सरकार ही सब कुछ देखती है.
किसे मिलेगा ये ग्रेच्युटी का फायदा?
ग्रेच्युटी एक्ट के हिसाब से, कंपनियों को उन कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देनी पड़ती है जो रिटायर हो रहे हैं या जिन्होंने 5 साल से ज्यादा नौकरी करके इस्तीफा दे दिया है. इन लोगों को तो ग्रेच्युटी मिलेगी ही मिलेगी:
- 5 साल लगातार नौकरी करने के बाद अगर आप इस्तीफा दे दें.
- अगर आप कंपनी के नियमों के हिसाब से रिटायर हो जाएं.
- कुछ खास मामलों में तो 5 साल से कम नौकरी करने पर भी ग्रेच्युटी मिल सकती है.
और अगर खुदा ना खास्ता कर्मचारी की मौत हो जाए, तो ग्रेच्युटी उसके नॉमिनी या कानूनी वारिस को मिलती है. इसके अलावा, अगर कोई कर्मचारी किसी हादसे या बीमारी की वजह से दिव्यांग हो जाए, तब भी उसे ग्रेच्युटी मिलेगी, भले ही उसने 5 साल की नौकरी पूरी न की हो.
- जो लोग अंडरग्राउंड खदानों में काम करते हैं और 4 साल 190 दिन लगातार काम कर लें, उन्हें भी ग्रेच्युटी मिल जाती है.
- और जो दूसरी जगहों पर काम करते हैं, अगर वो 4 साल 8 महीने यानी 4 साल 240 दिन लगातार काम कर लें, तो उन्हें भी ग्रेच्युटी मिल जाएगी.
कैसे कैलकुलेट होगी आपकी ग्रेच्युटी? (Gratuity calculation Formula)
ग्रेच्युटी कैलकुलेट करना बहुत आसान है. ये रहा फॉर्मूला:
(आपकी आखिरी सैलरी) x (जितने साल नौकरी की) x (15/26)
अब इसमें सैलरी में क्या-क्या जुड़ेगा? इसमें आपकी बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता (DA) और अगर कोई कमीशन मिलता है तो वो भी शामिल होगा. और महीने में काम करने के दिन 26 माने जाते हैं. और 15 दिन की सैलरी आधे महीने की सैलरी के हिसाब से जोड़ी जाती है.
ग्रेच्युटी के लिए क्लेम कैसे करें?
ग्रेच्युटी क्लेम करने के लिए, जो भी कर्मचारी इसके लिए क्वालिफाई करता है, उसे फॉर्म I भरकर अपनी कंपनी में जमा करना होता है. अगर कर्मचारी खुद नहीं कर सकता, तो उसका नॉमिनी या कानूनी वारिस भी ये फॉर्म जमा कर सकता है.
जैसे ही कंपनी को ये फॉर्म मिलता है, वो सबसे पहले क्लेम को चेक करती है और फिर तुरंत ग्रेच्युटी का अमाउंट कैलकुलेट करती है. ताकि पेमेंट में कोई देरी न हो.
ग्रेच्युटी पेमेंट एक्ट 1972 के हिसाब से, कंपनी को ग्रेच्युटी का पैसा ड्यू डेट से 30 दिन के अंदर देना होता है. अगर कंपनी ऐसा नहीं कर पाती है, तो उसे ड्यू डेट से लेकर पेमेंट करने की तारीख तक बकाया रकम पर ब्याज भी देना पड़ सकता है.
अगर कोई झगड़ा हो जाए तो?
अगर ग्रेच्युटी के अमाउंट को लेकर या किसी कर्मचारी के ग्रेच्युटी पाने के हक को लेकर कोई झगड़ा हो जाए, तो कानून कहता है कि मामले को सरकार के पास ले जाया जा सकता है. इसके लिए कर्मचारी को फॉर्म N भरकर अपने इलाके के सरकारी दफ्तर में जमा करना होगा.
चेक-वेक: इस खबर में दी गई जानकारी अलग-अलग रिपोर्ट्स और ग्रेच्युटी एक्ट के आधार पर है. हम ये सलाह देते हैं कि आप हमेशा सरकारी नोटिफिकेशन और एक्सपर्ट्स से सलाह लेकर ही कोई फैसला लें.