500 का नोट निकला 70 के दशक का? Reddit पर मचा बवाल, असली कहानी जानकर हैरान रह जाएंगे!
70s 500 rupee note? Or is there another truth? Reddit post reveals the secret!

अरे दोस्तों! सोशल मीडिया पर आजकल एक 500 रुपये का नोट खूब वायरल हो रहा है। रेडिट नाम की वेबसाइट पर एक यूजर ने ये नोट पोस्ट किया और दावा किया कि ये 1970 के दशक का है। अब ये सुनकर लोग हैरान हो गए कि क्या 70 के दशक में 500 रुपये का नोट होता था?
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, रेडिट पर @fcbmafaan नाम के एक यूजर ने 500 रुपये के दो पुराने नोटों की फोटो शेयर की। उन्होंने बताया कि ये नोट उनके पिताजी के पुराने संदूक में मिले थे और शायद 1970 के दशक के हैं। नोट थोड़े फटे हुए हैं, लेकिन देखने में काफी पुराने लग रहे हैं। यूजर ने ये भी पूछा कि क्या इन नोटों की कोई कीमत हो सकती है?
लोगों ने बताई असली कहानी
इस पोस्ट पर लोगों ने जमकर कमेंट किए। कुछ लोग तो पुरानी नोट देखकर एकदम पुरानी यादों में खो गए, लेकिन कई लोगों ने यूजर के दावे को गलत बताया। उनका कहना था कि 70 के दशक में 500 रुपये का नोट था ही नहीं!
एक यूजर ने कमेंट में लिखा कि नोट पर सी. रंगराजन के साइन हैं, जो 1992 से 1997 तक RBI गवर्नर थे। इसका मतलब ये नोट 70 के दशक का तो बिल्कुल नहीं हो सकता। कुछ लोगों ने ये भी कहा कि 500 रुपये का नोट तो 80 के दशक के आखिर में आया था।
Fact Check: क्या 70 के दशक में था 500 का नोट?
आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर सच क्या है? तो हम आपको बता दें कि 70 के दशक में 500 रुपये का नोट नहीं था। 500 रुपये का नोट पहली बार 1987 में आया था। और सी. रंगराजन RBI गवर्नर 1992 में बने थे। इसलिए, वायरल हो रहा ये नोट 70 के दशक का तो नहीं है।
तो फिर ये नोट कब का है?
ज्यादातर लोगों का मानना है कि ये नोट 80 के दशक के आखिर या 90 के दशक की शुरुआत का हो सकता है। क्योंकि नोट पर गवर्नर के साइन 1990 के दशक के हैं और 500 का नोट 1987 में ही आया था।
क्या इस नोट की कोई वैल्यू है?
अब सवाल ये है कि क्या इस पुराने नोट की कोई कीमत है? कुछ लोगों का कहना है कि अभी तो शायद इसकी कोई खास वैल्यू नहीं है, लेकिन अगर इसे संभाल कर रखा जाए तो कुछ सालों बाद इसकी कीमत बढ़ सकती है। पुराने नोट और सिक्के जमा करने वाले लोग ऐसे नोटों को खरीद सकते हैं।
वायरल हो रही पोस्ट का सच
तो दोस्तों, वायरल हो रही 500 रुपये की नोट 70 के दशक की नहीं है। ये नोट 80 या 90 के दशक का हो सकता है। सोशल मीडिया पर कई बार ऐसी पुरानी चीजें वायरल होती हैं, जिनके बारे में पूरी जानकारी नहीं होती। इसलिए, किसी भी खबर पर विश्वास करने से पहले Fact Check करना जरूरी है।